अमेरिका का संविधान अपने हर नागरिक को बंदूक रखने का अधिकार देता है। जितनी आसानी से फल और सब्जियां मिलती हैं आप दुकान पर चाहिए और अपनी मनपसंद गन खरीद सकते हैं। इसका नतीजा यह है कि पिछले 50 सालों में अमेरिका में 15 लाख से ज्यादा लोग बंदूक के जरिए होने वाली हिंसा में मारे गए। अमेरिका में बंदूक की संस्कृति उस जमाने से है जब वहां पर ब्रिटिश शासन था। तब आकर पुलिस कोई स्थाई सुरक्षा बल नहीं था। लोगों को अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा खुद ही करनी पड़ती थी। लोगों को कहा गया कि आप अपने हथियार खरीद लीजिए और अपने और अपने परिवार की रक्षा स्वयं कीजिए।
अमेरिका में तो स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों के पास भी बंदूके हैं। आपने स्कूलों में शूटआउट की कई खबरें सुनी होंगी। अब इतने लोगों के हाथों में बंदूके होंगी तो हिंसा को कोई नहीं रोक सकता। पिछले 50 सालों में अमेरिका के बदनाम गन कल्चर के चलते 15 लाख लोगों की जान गई है। ज्यादातर हमले कालों और गोरों के बीच हुई है। नस्लभेदी हिंसा और लूटपाट में बंदूकों का इस्तेमाल हुआ है। अब इसका असर अमेरिका में रह रहे भारतीयों पर पड़ रहा है। अमेरिका में अब खुद की हिफाजत के लिए भारतीय समुदाय के लोगों को बंदूके लेनी पड़ रही हैं।
भारतीयों के खिलाफ नस्लीय हिंसा भी बढ़ रही है। जिसकी वजह से अब 80 हजार भारतीयों ने नए गन लाइसेंस लिए हैं। अमेरिका में रहने वाले लगभग 40 लाख भारतीयों में पहले बंदूक रखने का ट्रेंड नहीं था। 2 साल पहले तक तो सिर्फ 40 हजार भारतीयों के पास ही बंदूके थी। लेकिन अब 80 हजार भारतीयों के पास बंदूके खरीदी हैं। अमेरिका के नेशनल फायर आर्म्स सर्वे के मुताबिक अब गन लाइसेस वाले भारतीयों की संख्या 1 लाख 20 हजार हो गई है।