चकबंदी संबंधी मामलों के निपटारे में लेटलतीफी, लापरवाही, अनियमितता पर मुख्यमंत्री की सख्त नाराजगी का असर दिखने लगा है। मुख्यमंत्री योगी के कड़े रुख के बाद चकबंदी विभाग में बड़े स्तर पर आधा दर्जन जिलों के चकबंदी अधिकारी से लेकर लेखपालों के खिलाफ कार्रवाई की गयी।
चकबंदी आयुक्त ने मुख्यमंत्री योगी के निर्देश के बाद गुरुवार को कौशांबी में तिहरे हत्याकांड में पट्टे की भूमि विवाद में लापरवाही पर चकबंदी अधिकारी समेत 06 लोगों को निलंबित कर दिया है। जबकि कुल एक दर्जन लोगों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। इनमें निलंबन से लेकर एफआईआर और यहां तक कि नौकरी से बर्खास्तगी की कार्रवाई भी की गई है। वहीं चकबंदी आयुक्त की ओर से पिछले एक माह में एक दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 16 सितम्बर को एनेक्सी में राजस्व की समीक्षा बैठक में लापरवाही और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये थे, जिसके बाद विभागीय स्तर पर उनकी लिस्ट तैयार की गयी। वहीं योगी से हरी झंडी मिलते ही ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी गयी है। जानकारों की मानें तो अभी और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है।
चकबंदी अधिकारी को नौकरी से किया बर्खास्त
चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि कौशांबी में तिहरे हत्याकांड में पट्टे की भूमि विवाद में लापरवाही पर चकबंदी अधिकारी मिथिलेश कुमार, सहायक चकबंदी अधिकारी अफजाल अहमद खां, तीन चकबंदी लेखपाल शिवेश सिंह, शीलवंत सिंह, रवि किरन सिंह और चकबंदीकर्ता राम आसरे को निलंबित कर दिया है। अनियमितता एवं अनुशासनहीनता पर चकबंदी अधिकारी देवराज सिंह की सेवा समाप्त कर दी गयी है। एटा के सहायक चकबंदी अधिकारी सतीश कुमार को पदावन्नत करते हुए मूल वेतन पर नियुक्त किया है।
इसी तरह चकबंदी योजना तैयार करने में नियमों का उल्लघंन करने एवं लापरवाही पर शामली, हरदोई के सहायक चकबंदी अधिकारी अनंगपाल सिंह और गजराज को निलम्बित करते हुए विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं चकबंदी में गड़बड़ी की शिकायत पर गठित जांच निदेशालय की टीम की संतुति पर मऊ के चकबन्दीकर्ता तथा चकबन्दी लेखपाल को निलम्बित करने के निर्देश दिये गये हैं। बस्ती और हरदोई के चकबंदी अधिकारी शरदचन्द्र यादव और प्रेम प्रकाश भारती के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गयी है। इसके साथ ही गोरखपुर के रिटायर बन्दोबस्त अधिकारी चकबंदी के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा गया है।
इनके खिलाफ भी हुई सख्त कार्रवाई
चकबंदी आयुक्त ने बताया कि कुछ समय पहले प्रतापगढ़ के ग्राम शिवरा में चकबंदी में लापरवाही की शिकायत मिली थी। इस पर जांच के लिये निदेशालय स्तर से समिति का गठन किया गया था। समिति की रिपोर्ट के आधार पर चकबन्दी अधिकारी ओमकार शरण सिंह के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी के साथ जौनपुर के उप संचालक चकबंदी अधिकारी सोमनाथ मिश्र को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जबकि पूर्व तत्कालीन बन्दोबस्त अधिकारी चकबंदी शीतलेन्द्र सिंह के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के लिए शासन से अनुमति मांगी है। इसके अलावा पिछले एक माह में चकबंदी आयुक्त ने अनुशासनहीनता पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सात चकबंदी अधिकारी सुनील अग्रवाल, धीरेन्द्रजीत सिंह, अच्छेलाल, कल्याण प्रताप सिंह, रमेश बाबू, ललित कुमार व रामकिशोर सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है, जिसमें सुनील अग्रवाल व रामकिशोर सिंह को अनियमितता को दोषी पाते हुए निलंबित किया गया है।
वहीं धीरेन्द्रजीत सिंह को निलंबित करते हुए एफआईआर दर्ज करायी गयी है। इतना ही नहीं सुनील कुमार, सहायक चकबन्दी अधिकारी, बरेली तथा अशोक कुमार लाल, सहायक चकबंदी अधिकारी, कौशाम्बी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।