उप्र के 137 गांवों में चकबंदी कराएगी योगी सरकार

किसानों के हित एवं उनकी मांग पर उत्तर प्रदेश में विभिन्न जिलों के 137 गांवों में प्रथम चक्र और द्वितीय चक्र की चकबंदी योगी सरकार कराएगी। राज्य सरकार की ओर से इसकी अनुमति प्रदान करने से किसानों में खुशी की लहर है।

 

प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस कार्य से जहां किसानों के लिए चकरोड, खलिहान, चारागाह इत्यादि के लिए भूमि उपलब्ध होगी। वहीं, गांवों के विकास के लिए भी भूमि उपलब्ध होने से खेल मैदान, स्कूल, आबादी के लिए भूमि सहित गांव के विकास की अन्य योजनाओं के लिए भूमि उपलब्ध हो जाएगी।

 

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के पास राजस्व विभाग भी है। फलस्वरूप उनकी व्यस्तता के कारण कभी समय से प्रदेश के बरेली, बस्ती, बदांयू, बलरामपुर, कानपुर देहात, मुरादाबाद, बिजनौर, रायबरेली, रामपुर, संतकबीरनगर, सहारनपुर, सोनभद्र, देवरिया, वाराणासी, जौनपुर, गोंडा के 52 ग्रामों के किसानों की मांग पर धारा 4 क (2) के अंतर्गत प्रथम चक्र की चकबंदी प्रक्रिया में सम्मलित करने की अनुमति प्रदान कर दी है।

 

वहीं, धारा 4 क (2) के अंतर्गत द्वितीय चरण की चकबंदी प्रक्रिया के लिए प्रयागराज, बरेली, बस्ती, बुलंदशहर, मऊ, मथुरा, मैनपुरी, सिद्धार्थ नगर, प्रताप गढ, शाहजहांपुर, सुलतानपुर, देवरिया, जौनपुर, अंबेडकर नगर, अमरोहा, अलीगढ़, गोंडा, गोरखपुर, गाजीपुर, सोनभद्र उक्त जनपदों की विभिन्न तहसील, ब्लाकों के 85 ग्रामों के लंबित चकबंदी प्रस्ताव पर द्वितीय चरण की चकबंदी प्रक्रिया प्रारंभ करने की भी अनुमति दे दी है।

 

मुख्यमंत्री की अनुमति मिलते ही राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर गर्ग ने इस संबंध में 17 जुलाई 2023 को आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश के क्रम में उत्तर प्रदेश चकबंदी आयुक्त प्रभु एन सिंह ने अब यथाशीघ्र संबंधित जिलों के जिलाधिकारी और जिला चकबंदी बंदोबस्त अधिकारी को प्रथम चरण एवं द्वितीय चरण की चकबंदी प्रक्रिया प्रारंभ करने के आदेश निर्गत कर दिए जाएंगे।

 

चकबंदी आयुक्त कार्यालय में लंबित पड़े लगभग 800 प्रस्ताव को उनकी कमियों को सुधार कर मुख्यमंत्री की स्वीकृत के लिए भेजने की तैयारी आयुक्त कार्यालय में शुरू हो गई है। प्रदेश के गांव के विकास के लिए यदि लंबित प्रस्ताव की स्वीकृत मिल जाती है तो गांव के विकास के साथ ही चकबंदी विभाग का भी कायाकल्प होना शुरू हो जाएगा।