—श्री काशीपुराधिपति का होगा अर्धनारीश्वर श्रृंगार, फूलों से सजाया गया मंदिर परिसर
मलमास के चलते इस बार सावन माह का तीसरा सोमवार बेहद खास है। रवि योग समेत तीन शुभ योगों के निर्माण में रुद्राभिषेक बेहद फलदायी होगा। सोमवार को रवि योग सुबह 05 बजकर 38 मिनट से ही शुरू जाएगा और यह योग रात 10 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। शिव योग इस दिन सुबह से बना है, जो दोपहर 02 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। इसके बाद सिद्ध योग दोपहर 02 बजकर 52 मिनट से पूरी रात तक है।
सावन के तीसरे सोमवार व्रत के दिन का शुभ मुहूर्त या अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक है। ज्योतिष विदों के अनुसार शुभ मुहूर्त में किसी शिव मंदिर या घर ही शिवलिंग की विधि पूर्वक पूजा अर्चना कर रूद्राभिषेक करने से शुभ फलों की प्राप्ती होगी। उधर,सावन के तीसरे सोमवार पर बाबा विश्वनाथ का अर्धनारीश्वर रूप में खास श्रृंगार सुगंधित फूलों से होगा।
मंदिर प्रबंधन के अनुसार मलमास के कारण सावन के तीसरे सोमवार पर बाबा विश्वनाथ का अमृत वर्षा श्रृंगार भी होगा। बाबा विश्वनाथ के इस स्वरूप के दर्शन के लिए शिवभक्तों में अभी से उत्साह है। गौरतलब हो कि सावन माह के सभी सोमवार पर बाबा विश्वनाथ अलग -अलग रूपों में भक्तों को दर्शन देते हैं। तीसरे सोमवार पर बाबा का अर्धनारीश्वर का श्रृंगार सुगंधित फूलों से करने की परंपरा है। बाबा की यह झांकी अद्भुत और आकर्षक होती है। यह खास श्रृंगार शाम के समय श्रृंगार भोग आरती से पूर्व किया जाता है। गंगा में जलस्तर के बढ़ाव को देख दशाश्वमेधघाट पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। दशाश्वमेध घाट सहित सभी प्रमुख गंगा घाटों की ओर जाने वाले मार्गों पर पुलिस पूर्व संन्ध्या से ही मुस्तैद है।
सावन के तीसरे सोमवार की पूर्व संन्ध्या से ही श्रद्धालुओं को लाउड हेलर से आगाह किया जा रहा है कि वह गंगा में स्नान के दौरान सजग रहें। नौकायन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। गंगा में जल पुलिस और एनडीआरएफ की 11वीं वाहिनी के जवान गश्त कर रहे है। मंदिर प्रशासन के अनुसार सावन के तीसरे सोमवार को बाबा के जलाभिषेक करने के लिए इस बार ललिताघाट से श्रद्धालुओं को इंट्री नहीं मिलेगी। शेष तीनों गेट से पूर्व की ही तरह इंट्री दी जाएगी। किसी भी श्रद्धालु के साथ कोई घटना न हो जाए, इसको देखते हुए मंदिर प्रशासन ने ललिताघाट की ओर जाने वाले सभी मार्ग को बंद कर दिया है।