केन्द्र की मोदी व उप्र की योगी सरकार कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। शासन ने वित्तीय 2023-24 में नन्दनी कृषक समृद्धि योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगा है। आवेदन करने की अन्तिम तिथि पांच अक्टूबर तय किया है। यह जानकारी बुधवार को मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.पी. मिश्रा ने दी।
उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ पाने के लिए स्थानीय नागरिक होने के साथ ही आधार कार्ड, पहचान पत्र तथा इसके साथ ही गोपालन या महिष पालन का अनुभव कम से कम तीन वर्ष का होना चाहिए। इस प्रमाण पत्र जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा दिया गया हो।
इस योजना का लाभ ऐसे व्यक्ति को दिया जाएगा, जिसके पास दो एकड़ भूमि होना जरूरी है। जिसमें आधा एकड़ में शेड के लिए और शेष जमीन या भूमि चारा उत्पादन करना है। यह जमीन स्वयं की अथवा पैत्रिक एवं साझेदारी अथवा सात वर्षों के लिए पंजीकृत अनुबंध पर ली गई हो। यह जरूरी है कि भूमि जल भराव इत्यादि से मुक्त होना चाहिए। पूर्व में संचालित कामधेनु अथवा मिनी कामधेनु अथवा माइक्रो कामधेनु योजना के लाभार्थियों को इस योजना का लाभ नहीं दिया जायेगा।
उन्होंने लाभार्थी के चयन के बारे में बताया कि ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन के माध्यम से किया जायेगा, जिसकी हार्ड कापी जनपद के मुख्य विकास अधिकारी अथवा मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी कार्यालय में उपलब्ध करवायी जायेगी। आवेदन की संख्या अधिक होने की स्थिति में मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा ई-लॉटरी से चयन किया जायेगा।
जाने क्या है योजना की लागत
डॉ. आर.पी. मिश्रा ने बताया कि परियोजना लागत (दो विकल्प है) के बारे में बताया कि लागत-62,50,000 (25 गोवंश साहीवाल अथवा गिर अथवा थारपारकर) 100000 प्रति गोवंश के आधार पर आगणन किया जायेगा, लागत-61,00,000 (20 गोवंश साहीवाल अथवा गिर अथवा थारपारकर) 100000 प्रति गोवंश के आधार पर आगणन किया जायेगा। अधिकतम 05 गोवंश गंगातीरी नस्ल के होंगे जिसका क्रय मूल्य 70000 प्रति गोवंश होगा।
उन्होंने बताया कि इकाई की स्थापना हेतु लाभार्थी अंश, बैंक द्वारा ऋण तथा अनुदान परियोजना लागत का क्रमशः 15 प्रतिशत, 35 प्रतिशत तथा 50 प्रतिशत होगा। लाभार्थी की चयन समिति- अध्यक्ष मुख्य विकास अधिकारी, संयोजक सचिव मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, सदस्य लीड बैंक ऑफिसर, सदस्य उप दुग्धशाला विकास अधिकारी होंगे। आवेदन पत्र 05 अक्टूबर तक मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी अथवा मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय में जमा किये जायेंगे।