देश बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता : हर्षवर्धन बाजपेई

। भारत विभाजन विभीषिका दिवस को लेकर विधायक हर्षवर्धन बाजपेई ने कहा कि 14 अगस्त भारतीय इतिहास का काला दिवस था। इस दिन भारत के भूगोल, समाज, संस्कृति सभी का बंटवारा हो गया। जिसके कारण नफरत और हिंसा ने लाखों लोगों को अपने घर से विस्थापित किया और लाखों की संख्या में जाने चली गई। जिसे देश कभी भूल नहीं सकता।

भाजपा कार्यालय में रविवार को पत्रकारों से उन्होंने कहा कि नेहरू और जिन्ना के कारण अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति कारगर साबित हुई और भारत का विभाजन हो गया। कांग्रेस के द्वारा विभाजन स्वीकार करना एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। भारत विभाजन के परिणाम स्वरूप लाखों लोग मारे गए, डेढ़ करोड़ से अधिक लोग बेघर हुए, एक लाख से अधिक महिलाओं के साथ अनाचार हुआ।

उन्होंने कहा कि देश विभाजन के लिए 30 दिसम्बर, 1906 को सांप्रदायिक संगठन मुस्लिम लीग का गठन हुआ और 1939 में मुस्लिम लीग ने देश में व्यापक दंगे करवाए। लाहौर में 1940 में मुस्लिम लीग का सम्मेलन हुआ। जिसमें उन्होंने दो राष्ट्र के सिद्धांत का प्रतिपादन किया।

उन्होंने कहा कि भारत विभाजन को लेकर कम्युनिस्ट पार्टी ने मुस्लिम लीग की मांग का समर्थन तो किया ही, इसके अतिरिक्त उन्होंने मुस्लिम सदस्यों को निर्देश दिया कि वह दूसरे राष्ट्र सिद्धांत को बौद्धिक बल प्रदान करने के लिए मुस्लिम लीग में शामिल हों। उन्होंने कहा कि देश बंटवारे को लेकर देशवासियों में पंडित जवाहरलाल नेहरू के प्रति आक्रोश था। क्योंकि नेहरू ने प्रधानमंत्री की कुर्सी पाने के लिए न केवल देश के टुकड़े करवाए, बल्कि लाखों लोगों के खून से भारत भूमि को नहला दिया। आज जो कांग्रेस धर्मनिरपेक्षता की ध्वजवाहक बनने का ढोंग करती है, उसी कांग्रेस ने कई साम्प्रदायिक कानून पारित करवाने में अंग्रेजों की सहायता की थी और अंग्रेजों ने सदैव फूट डालो राज करो की नीति अपनाई थी जिसका अनुसरण कांग्रेस पार्टी में रहते हुए उनके मानस पुत्र आज भी कर रहे हैं।

श्री बाजपेई ने कहा कि डॉ अम्बेडकर को कांग्रेस द्वारा निरंतर मुस्लिम लीग को तुष्ट करने की अपनाएं जाने वाली नीति कभी पसंद नहीं थी। वे जान गए थे कि कांग्रेस हर हालत में मुस्लिम लीग को प्रसन्न करने में जुटी हुई थी। ऐसी तुष्टिकरण की राजनीति व विभाजनकारी ताकतो के विचारों को हावी होने देना या ऐसी सोच के साथ खड़ा होना जैसी स्थितियां फिर कभी नहीं होनी चाहिए। हम सभी को विभाजन को एक सबक के रूप में लेना चाहिए ताकि भारत अतीत की गलतियों को ना दोहराए।

मीडिया प्रभारी राजेश केसरवानी ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाएगी और इसके अंतर्गत उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में मौन जुलूस 14 अगस्त की शाम को बालसन चौराहे पर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थल से लेकर मेडिकल चौराहे पर स्थित पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा तक निकाली जाएगी। तत्पश्चात स्वरूपरानी मेडिकल कॉलेज के प्रीतमदास मेहता प्रेक्षागृह में वृहद संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा।