बिहार में जाति आधारित गणना पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले पर किसी भी तरह की रोक लगाने से मना कर दिया है। कोर्ट में बिहार सरकार की ओर से बताया गया है कि बिहार में सर्वे का काम पूरा हो चुका है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अनुसार बिहार सरकार जातीय गणना सिर्फ लोगों की आर्थिक स्थिति की जानकारी लेना चाहती है। जिससे उनकी बेहतरी के लिए योजना बनाई जा सकें। सरकार उन्हें बेहतर सेवा देने के लिए एक रोडमैप तैयार कर सके।
पटना हाईकोर्ट के फैसले में ये कहा गया था कि राज्य सरकार का यह काम नियम के तहत है। पूरी तरह से वैध भी। राज्य सरकार चाहे तो गणना करा सकती है। हाईकोर्ट ने बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण को वैध करार दिया था।