कल्याण सिंह को याद कर बड़ा संदेश दे गए-अमित शाह

नई दिल्ली, 22 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता कल्याण सिंह की दूसरी पुण्यतिथि पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक बड़ी लाइन खींच गए। खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों की दृष्टि से एक बड़ी संभावना की ओर इशारा भी कर गए। राम मंदिर के लिए अपनी सरकार को न्यौछावर कर देने वाले कल्याण सिंह की दूसरी पुण्यतिथि पर अलीगढ़ पहुंचे अमित शाह ने हिन्दू मतदाताओं को एकजुट करने के लिए राम मंदिर के निर्माण को कल्याण सिंह, लोध समाज और पिछड़े वर्ग से जोड़कर भाजपा की प्रतिबद्धता दोहराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने कल्याण सिंह के सभी सपने पूरे कर दिए हैं, जिसमें अयोध्या में मंदिर निर्माण से लेकर गरीब एवं निचले तबके का उत्थान तक शामिल है।

उल्लेखनीय है कि राम मंदिर आंदोलन के दौरान कल्याण सिंह एक नायक की तरह उभरे थे। वे अटल-आडवाणी के बाद भाजपा में तीसरे स्थान पर सबसे लोकप्रिय नेता थे। वे जिस लोध बिरादरी से थे, उसके पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 8 प्रतिशत से अधिक मतदाता हैं। कल्याण सिंह की लोध मतदाताओं के अलावा अन्य ओबीसी वर्गों के वोटों पर भी अच्छी पकड़ थी, जो आज भी कल्याण सिंह को अपना नायक मानते हैं।

21 अगस्त को भाजपा ने कल्याण सिंह की स्मृति में हिंदू गौरव दिवस का आयोजन किया था, जिसका उद्घाटन अमित शाह ने किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ भी मौजूद थे। अमित शाह ने अपने भाषण में स्वर्गीय कल्याण सिंह की जी भरकर सराहना की। उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों के अपने कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी ने कल्याण सिंह के तय लक्ष्यों को ही पूरा किया है। स्वर्गीय कल्याण सिंह जब मुख्यमंत्री बने थे तो उन्होंने तीन लक्ष्यों का निर्धारण किया था। एक तो राम मंदिर का निर्माण कराना, दूसरा पिछड़े व वंचित वर्गों को गरीबी रेखा से बाहर निकालना और तीसरा समता मूलक जाति भेद के बिना हिन्दू समाज का निर्माण। शाह ने कहा कि इन तीनों लक्ष्यों पर भाजपा ने काम किया है और उन्हें पूरा करने का पुरजोर प्रयास किया है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेजी से हो रहा है। अत्यंत गरीबों में से 10 प्रतिशत से अधिक लोगों को मोदी सरकार ने गरीबी रेखा से निकाल कर मध्यम वर्ग की श्रेणी में पहुंचा दिया है और समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर सामाजिक योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

अमित शाह ने हिन्दुत्व के प्रति कल्याण सिंह की वचनबद्धता को याद करते हुए कहा कि जब उनके सामने सरकार बचाने या कारसेवकों पर गोली चलाने का विकल्प केंद्र की ओर से आया तो उन्होंने एक मिनट के अंदर सरकार से इस्तीफा दे दिया लेकिन कारसेवकों पर गोली चलवाने का आदेश नहीं दिया। कल्याण सिंह ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में चुस्त प्रशासन, संवेदनशील शासन और गरीबों के कल्याण को प्राथमिकता दी, इसलिए उनके कार्यकाल को आज भी याद किया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी कल्याण सिंह के दिखाए रास्ते पर चल कर उनके तीनों लक्ष्यों को पूरा करने में काफी हद तक सफलता प्राप्त की है। अयोध्या में श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। भक्तों को श्री रामलला का दर्शन बिना रोक-टोक के करने का सौभाग्य प्राप्त हो जाएगा। लाखों गरीब परिवारों में गैस कनेक्शन, बिजली, शौचालय, स्वच्छ पेयजल और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराकर प्रधानमंत्री मोदी ने कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि दी है। हाशिये पर पड़े पिछड़े वर्गों को ओबीसी आयोग के माध्यम से उनका अधिकार दे दिया गया है। नीट परीक्षा में ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण दिया है। नवोदय विद्यालयों और सैनिक स्कूलों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। ओबीसी उद्यमियों के लिए एक उद्यम पूंजी कोष की स्थापना की गई है।

अमित शाह ने कल्याण सिंह की कर्म भूमि से एक तरह से उत्तर प्रदेश में चुनाव अभियान का शंखनाद कर दिया है। कल्याण सिंह के प्रभाव वाले क्षेत्र में भाजपा को काफी उम्मीदें हैं तो चुनौतियां भी हैं। किसान आंदोलन के दौरान जाटों की नाराजगी और रालोद नेता जयंत चौधरी के सपा के साथ आने के कारण नए राजनीतिक समीकरण बनने लगे हैं। ऐसे में अमित शाह द्वारा लोध व अन्य ओबीसी वोटरों को लुभाने का यह प्रयास काफी असर डाल सकता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एटा, इटावा, कासगंज, बुलंदशहर, आगरा, फर्रुखाबाद, बदायूं, हाथरस, मुरादाबाद, अमरोहा और बरेली समेत लगभग 25 जिलों की 70 से 80 विधानसभा सीटों पर लोध व अन्य ओबीसी बिरादरी के लोगों का वजूद है और ये चुनावों में जीत-हार में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड की लगभग सभी विधानसभा सीटों पर इनका अच्छा खासा प्रभाव है। इसीलिए अमित शाह ने कल्याण सिंह को याद करते हुए लगभग 10 लोकसभा सीटों पर भाजपा के लिए संभावनाओं को बढ़ाने का बड़ा दांव खेल दिया।