लाल डायरी ने राजस्थान की राजनीति को चुनाव से पहले मोड़ दे दिया है। अशोक गहलोत के एक सहयोगी से तीन साल पहले जयपुर में चल रहे आईटी-ईडी छापे के दौरान डायरी को गायब करने के अपने चौंकाने वाले बयान से सनसनी मचा दी है। हैरानी की बात यह है कि डायरी अब ‘गायब’ हो गई है और किसी को नहीं पता कि मूल डायरी कहां है। बीजेपी अब राजस्थान की सियासत में इसे भुनाने में जुट गई है। बीजेपी अब ‘लाल डायरी’ के इर्द-गिर्द एक बड़े अभियान की योजना बना रही है, जिसके होर्डिंग्स और कट-आउट राज्य भर में लगाए जाएंगे।