प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को 77वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि वर्ष 2047 तक देश को विकसित बनाने के लिए भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण की तीन बड़ी बुराइयों से निपटना होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा कि 2047 तक देश का तिरंगा विकसित भारत का प्रतिनिधित्व करेगा। इसके लिए शुचिता, पारदर्शिता और निष्पक्षता की जरूरत है। हमें उन बुराइयों से आंख मिचौली बंद करना होगा जिनसे देश सालों से जूझता आ रहा है। ये बुराइयां हैं- भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम में 10 करोड़ लोगों पर कार्रवाई की गई है। यह 10 करोड़ लोग कभी जन्मे ही नहीं। उन्होंने विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाया। पिछले सालों में इस कार्रवाई के तहत 20 गुना ज्यादा जब्ती की गई है। उन्होंने कहा कि परिवारवाद के तहत राजनीतिक दलों में विकृतियां आई हैं। परिवारवादी पार्टियां केवल अपने लिए काम कर रही हैं। यह परिवारवाद प्रतिभा का दुश्मन है और योग्यता को नकारता है। वहीं, तुष्टीकरण से सामाजिक न्याय सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। इससे देश का राष्ट्रीय चरित्र प्रभावित हुआ है।
लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री ने की विश्वकर्मा योजना की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को लाल किले की प्राचीर से विश्वकर्मा योजना की घोषणा की। उन्होंने बताया कि विश्वकर्मा दिवस पर देश के कामगारों के लिए सरकार योजना लाने जा रही है। उन्होंने बताया कि परंपरागत कलाओं के लिए अगले महीनों में 13 से 15 हजार करोड़ रुपये इस योजना के लिए खर्च किए जायेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देशवासियों ने देश में एक स्थिर सरकार चुनी है। देशवासियों की ओर से चुनी गई स्थिर सरकार के कारण ही वे रिफॉर्म (बदलाव) की ताकत विकसित कर पाए। इसी के चलते नौकरशाही ने ट्रांसफॉर्म के लिए परफॉर्म किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की 9 साल की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने कहा कि जब हम 2014 में सत्ता में आये तो हम वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में 10वें स्थान पर थे। आज 140 करोड़ भारतीयों के प्रयास से हम पांचवें स्थान पर पहुंच गये हैं, ये ऐसे ही नहीं हुआ। भ्रष्टाचार के जिस राक्षस ने देश को अपनी गिरफ्त में ले रखा था- हमने लीकेज रोकी और एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनाई।