थायराइड ग्रंथि के ऑपरेशन के लिए अब गले में चीरा लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कांख के रास्ते थायराइड का ऑपरेशन होगा। केजीएमयू में अब तक दूरबीन विधि से 12 थायराइड पीड़ितों के ऑपरेशन हो चुके हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ऑपरेशन के सभी मरीज सेहतमंद हैं। अभी तक थायराइड पीड़ित मरीजों के ऑपरेशन की दशा में गले में चीरा लगाना पड़ता था। गले में निशान के डर से लोग ऑपरेशन कराने से डरते थे। केजीएमयू जनरल सर्जरी विभाग ने दूरबीन विधि से थायराइड का ऑपरेशन शुरू किए हैं। डॉ. कुशाग्र गौरव ने बताया है कि पांच से छह सेंटीमीटर की थायराइड की गांठ को कांख के रास्ते आसानी से निकाला जा सकता है। इसमें कांख में छोटा सुराख करके ऑपरेशन किया जाता है। इससे गले की गांठ निकाल दी जाती है। गले में कोई निशान नहीं पड़ता है। घेघा या फिर बड़ी गांठ के लिए गले में चीरा लगाकर ही ऑपरेशन मुमकिन है।