यूपी बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया है कि अब लोगों को अंकपत्र और प्रमाणपत्र में संशोधन के लिए बोर्ड या क्षेत्रीय कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। बल्कि यूपी बोर्ड की शीघ्र जारी होने वाली वेबसाइट पर ऑनलाइन संशोधन के लिए आवेदन करेंगे तो उनको ट्रैकिंग नंबर मिलेगा जिससे वे आवेदन पत्र पर चल रही कार्रवाई की स्थिति जान सकेंगे। इसमें मामले का निस्तारण एक हफ्ते से लेकर 10 दिन के भीतर होगा और स्पीड पोस्ट से अंकपत्र विद्यालय को मिल जाएगा।
विगत दिनों सचिव द्वारा कैम्प लगवा कर दो माह में लगभग 60 हजार अभ्यर्थियों के मामलों का निस्तारण कराने पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) के प्रदेश संरक्षक डॉ, हरि प्रकाश यादव के नेतृत्व में शिक्षकों का प्रतिनिधि मंडल यूपी बोर्ड के सचिव दिब्यकान्त शुक्ला से मुलाकात कर बधाई दी। उन्होंने कहा कि यूपी बोर्ड के सचिव ने एक अच्छी पहल की है, जिसके तहत छात्रों और उनके अभिभावकों को उनके जनपद में आराम से संशोधन हो गया। इस अवसर पर प्रदेश निरीक्षक सुरेंद्र प्रताप सिंह, प्रदेश मंत्री तीरथराज पटेल, मिथिलेश मौर्य, विजय यादव, विनोद यादव, देवराज सिंह सहित अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।
यूपी बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने एकजुट द्वारा बधाई दिये जाने पर धन्यवाद देते हुए कहा कि आने वाले समय में छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए और सुविधाएं की जाएगी जिसकी बोर्ड में व्यापक स्तर पर तैयारियां चल रही है। परिषद् द्वारा निकट भविष्य में केवल ऑनलाइन व्यवस्था से ही आवेदन लेने, उनका ट्रैकिंग सिस्टम डेवलप करने, संशोधन हेतु आवश्यक साक्ष्य अभिलेख ऑनलाइन मंगाने, ऑनलाइन सत्यापन कराने तथा प्रकरणों का ऑनलाइन ही निस्तारण करने, निर्धारित समय में निस्तारण न करने पर सम्बन्धित कर्मचारियो व अधिकारियों की जवाबदेही तय करने आदि की कार्यवाही कराये जाने पर परिषद् द्वारा गंभीरता से विचार किया जा रहा है। सचिव ने संशोधन वाले सभी अंकपत्रों को संबंधित छात्र-छात्राओं के घर भेजवाकर सम्बंधित जिलों के डीआईओएस से 30 सितम्बर तक प्रमाणपत्र तलब किया है।
उल्लेखनीय है कि यूपी बोर्ड के इतिहास में पहली बार सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने वर्ष 2022-23 की परीक्षा के दौरान नकल विहीन, बिना पर्चा आउट और कम समय में रिजल्ट घोषित करके इतिहास रच दिया था। इस मामले में सचिव का कहना है कि शासन की मंशानुरूप सकुशल परीक्षा संपन्न हुई थी इस सफलता में प्रमुख सचिव दीपक कुमार, महानिदेशक विजय किरन आनंद सहित शिक्षा विभाग के सभी अफसरों का पूरा सहयोग रहा है।