उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के एक स्कूल में एक बच्चे को थप्पड़ मरवाने की घटना का राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग ने शनिवार को जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को नोटिस भेजा है। इसके साथ ही आयोग ने लोगों से वायरल वीडियो को सोशल साइटों पर आगे न फैलाने की अपील भी की है।
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि एक वीडियो में मुजफ्फरनगर की एक घटना देखी, जिसमें एक शिक्षक ने बच्चों से दूसरे बच्चे को पिटवाया। इस गंभीर मामले का संज्ञान लेते हुए मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया है। हमने दोनों को अलग-अलग पक्ष रखने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक को इस मामले में एफआईआर दर्ज करने और रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। इसके साथ जिलाधिकारी को स्कूल प्रमाणपत्र, उसके शिक्षकों और उनकी योग्यता के बारे में पूछताछ करने का निर्देश दिया है। हमने सीडब्ल्यूसी को निर्देश दिया है सभी बच्चों को परामर्श प्रदान करें। इसके साथ ही प्रशासन को यह भी निर्देश दिया है कि बच्चों की पहचान का खुलासा करने वाले ऐसे किसी भी वायरल वीडियो को सभी सोशल साइटों से हटा दिया जाना चाहिए और उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरनगर में शुक्रवार को एक अमानवीय घटना सामने आई। यहां पर एक स्कूल की महिला शिक्षक ने टेबल याद न करने पर बच्चे को उसके सहपाठियों से थप्पड़ लगवाए। इसका वीडियो वायरल होने पर यह मामला चर्चा में आ गया।