पुणे के एडिशनल पुलिस कमिश्नर की हत्या के जुर्म में करीब 25 साल से बरेली की सेंट्रल जेल में सजा काट रहे माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव को अब प्रशासन रिहा करने की तैयारी में है। जेल प्रशासन ने उसके साथ सेंट्रल जेल में ही बंद उसके साथ मंगेश और सैनी की भी रिहाई का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। बताया जा रहा है कि जल्द ही इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है और बबलू श्रीवास्तव दोनों साथियों के साथ कुछ दिन बाद खुली हवा में सांस लेने के लिए आजाद हो जाएगा।
पुणे के एडिशनल पुलिस कमिश्नर एलडी अरोड़ा की सरेआम गोलियां बरसाकर हत्या करने के मामले में बबलू श्रीवास्तव और उसके दो साथी मंगेश उर्फ मंगे और कमल किशोर सैनी को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद तीनों को 1999 में बरेली की सेंट्रल जेल भेजा गया था। तीनों इस जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में कैद हैं और अब तक 25 साल की सजा काट चुके हैं। अब जेल प्रशासन की ओर से उसे मंगे और सैनी के साथ रिहा करने की सिफारिश शासन को भेजी है।
सेंट्रल जेल के अधिकारियों के मुताबिक यह प्रस्ताव जेल महानिदेशक के माध्यम से शासन तक पहुंचेगा। शासन की ओर से बरेली की पुलिस और प्रशासन से भी तीनों के आचरण की रिपोर्ट मंगाई गई है। उम्मीद है कि जल्द ही शासन से तीनों की रिहाई की अनुमति मिल जाएगी। अगर दो-तीन दिन में अनुमति मिल गई तो जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा।
पुणे के एडिशनल पुलिस कमिश्नर एलडी अरोड़ा के हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे बबलू श्रीवास्तव, मंगे और सैनी की रिहाई के लिए प्रस्ताव भेजा है। शासन की अनुमति मिलने के बाद तीनों को रिहा कर दिया जाएगा – विजय कुमार राय, जेलर सेंट्रल जेल बरेली।
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद के लिए भी काम कर चुका है बबलू श्रीवास्तव
लखनऊ यूनिवर्सिटी में छात्र राजनीति से अपराध जगत में कदम रखने वाला ओमप्रकाश श्रीवास्तव उर्फ बबलू अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद के लिए कभी काम कर चुका है। गाजीपुर के मूल निवासी बबलू के पिता जीटीआई के प्रिंसिपल थे और बड़ा भाई सेना में कर्नल। 1982 में बबलू लखनऊ यूनिवर्सिटी से लॉ करते हुए एक छात्र को चाकू मारने के आरोप में जेल गया। इसके बाद उसने लगातार अपराध किए। दाऊद से दुश्मनी के बाद वह कई देशों में भागता रहा। एडिशनल पुलिस कमिश्नर की हत्या के बाद उसे मॉरिसस से गिरफ्तार कर भारत लाया गया था। उस पर 60 से ज्यादा मामले दर्ज थे।