इलाहाबाद विश्वविद्यालय में गत 11 जुलाई को छात्र आशुतोष दूबे की दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थिति में मृत्यु हुई और 12 जुलाई को सुनियोजित हिंसा व तोड़फोड़, लूटपाट एवं महिला शिक्षकों के प्रति उनकी मर्यादा की सीमा से बाहर जाकर की गई हिंसा से जुड़े साक्ष्य पुलिस को सौंप दिए गए हैं।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलानुशासक डॉ. राकेश सिंह ने रविवार को बताया है कि दिये गये वीडियो फुटेज और फोटोग्राफ, आडियो आदि समस्त साक्ष्यों को पुलिस द्वारा फोरेंसिक जांच की पूर्ण स्वतंत्रता है। यदि आरोप लगाने वाले किसी स्वतंत्र या विश्वस्त फोरेंसिक लैब में जांच कराना चाहते हैं तो विश्वविद्यालय को कोई आपत्ति नहीं है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय पूरे घटना की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच और दोषियों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही के लिए संकल्पबद्ध है।
कुलानुशासक ने कहा कि किसी छात्र की मृत्यु जैसी दुःखद घटना का कुछ शरारती एवं अराजक तत्वों द्वारा अफवाहों के माध्यम से और झूठ को हथियार बनाकर पूरे विवि को अराजकता का अड्डा बना देने के किसी भी प्रयास को सफल नहीं होने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि कुछ उपद्रवी तत्व पूरे विवि में अराजकता फैलाने एवं संस्था को नष्ट करने पर उतारू हैं। ऐसे तत्वों के आपराधिक प्रयासों को निष्फल करने के लिए विवि संकल्पबद्ध है। अराजक तत्वों द्वारा जिस तरह से सोशल मीडिया के माध्यम से शांतिप्रिय छात्रों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है, वह न सिर्फ निंदनीय है, अपितु शिक्षा और समाज के प्रति घोर पाप है।