चंद्रशेखर आजाद के उल्टे-सीधे बयान से आहत होकर हमलावरों ने बनाई थी जान से मारने की योजना: डीआईजी

भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के उल्टे-सीधे बयानों से आहत होकर उनको जान से मारने की योजना बनाई थी। उन पर जानलेवा हमला करने वाले चार आरोपितों ने पुलिस की पूछताछ में यह बात स्वीकार किया है। इन चारों आरोपितों को उत्तर प्रदेश पुलिस ने शनिवार को हरियाणा के अंबाला से गिरफ्तार किया था।
चंद्रशेखर आजाद और उनके साथियों पर 28 जून को सहारनपुर जिले के देवबंद में कार सवार बदमाशों ने जानलेवा हमला किया था। इसमें चंद्रशेखर घायल हुए थे। पुलिस उपमहानिरीक्षक अजय कुमार साहनी ने रविवार को प्रेसवार्ता में बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त सहानपुर के ग्राम रणखंडी निवासी विकास उर्फ विक्की, प्रशांत, लविश उर्फ अभिषेक और हरियाणा के गोंदर गांव निवासी विकास उर्फ विक्की हैं। इनके पास से दो तमंचा मय कारतूस और घटना में प्रयोग की गई कार बरामद की गई है।
पूछताछ में अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि घटना वाले दिन वह करनाल निवासी अपने दोस्त विक्की को मेरठ से लेकर लौट रहे थे। रोहाना कोल टोल के पास खाना खाने के लिए एक ढाबे पर रुके। उन्होंने वहां देखा कि क्षेत्र में बड़ी भीड़ एकत्र है। पता करने पर यह जानकारी मिली कि इस मार्ग से चंद्रशेखर आजाद अपने समर्थकों के साथ देवबंद में किसी कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। चंद्रशेखर ने दिल्ली और आसपास के कई इलाकों में उल्टे-सीधे बयान दिए थे। इससे वे लोग काफी आहत थे और उसी दौरान उनकी हत्या की योजना बना ली।
इसके बाद कार्यक्रम की रेकी की गई और जैसे ही चंद्रशेखर अपने काफिले के साथ गाड़ी में बैठकर निकले और कूछ दूर जाकर स्पीड ब्रेकर पर गाड़ी धीमी हुई तो तीनों ने फायर कर दिया। तीन राउंड गोलियां चलाईं, जिसमें एक गोली चंद्रशेखर को भी लग गई। इसके बाद हम लोग भाग निकले। कुछ दूर जाने के बाद तेल खत्म होने पर वाहन को मिरगपुर में छोड़कर जंगलों के रास्ते से दो दिन में अंबाला पहुंचे, तभी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस ऑपरेशन में उत्तर प्रदेश पुलिस की पांच टीमें और और हरियाणा की एसटीएफ की भी मदद ली गई थी। पुलिस महानिदेशक ने ऑपरेशन को 72 घंटे के भीतर सफलतापूर्वक पूरा करने वाली टीम को 50 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की है।

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