सुप्रसिद्ध धार्मिक नगरी चित्रकूट कभी ऋषि मुनियों की तपोस्थली हुआ करती थी, ऐसे बहुत से संत अभी भी हैं जो बिना AC और कूलर के भी चित्रकूट में भजन पूजन कर रहे हैं, लेकिन वर्तमान में चित्रकूट के ज्यादातर संतो का परिवेश इस कदर बदल चुका है कि बाबा अब हाईटेक हो गए हैं दान और चढ़ावे के पैसों से करोड़ों की जमीनें खरीदकर एसी गाड़ियों में एसी कमरों में ऐसो आराम की जिंदगी गुजार रहे हैं। ऐसे बाबा अब सीधे-साधे साधु संतों पर खुलेआम प्रहार कर रहे हैं। साधु संतों पर महंत और महंतों के गुर्गे मारपीट कर रहे हैं इसका ताजा उदाहरण सिरसावन के पास त्यागी आश्रम में देखने को मिला जहां सरकारी आराजी में कब्जा करके तार फेंसिंग कर कब्जा करके रह रहे दबंग बाबा रामबली तिवारी उर्फ त्यागी बाबा के द्वारा एक संत को जमकर पीटा गया, गुंडों को बुलवाकर मारपीट की गई, साधु का हाथ फैक्चर हुआ और सिर भी फटा जो कि जिला अस्पताल सतना में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है इधर पीड़ित संतों का कहना है कि विरक्त संत मंडल के कुछ मठाधीशों ने पुलिस प्रशासन पर इस कदर दबाव बना लिया है कि पुलिस और राजस्व अमला उन्हीं के इशारों पर नाच रहा है।
बाबाओं की दबंगई का एक ऐसा ही ताजा मामला और है, आरोग्यम के पास स्थित सप्तऋषि आश्रम है जहां एक साध्वी सप्तऋषि आश्रम में कमरे बनवाकर दान दक्षिणा देकर लंबे समय से वहां भजन पूजन कर रही थी लेकिन वहां के ही एक दबंग बाबा ने साध्वी और उसकी बेटी को भी उसी के बनवाए कमरों से निकाल दिया और कब्जा कर लिया।
आपको बता दें कि चित्रकूट में साधु संतों का यानि कि दबंग बाबाओं का इस कदर प्रभाव बढ़ता जा रहा है कि आए दिनों मठ मंदिरों में विवाद की स्थितियां बन रही है, जमीनों में कब्जे हो रहे हैं, सरकारी जमीनों में कई बाबाओं ने कब्जा किया हुआ है, ग्रीन ट्रिब्यूनल कोर्ट के आदेशों को धज्जियां उड़ाते हुए नदी में आश्रम बनाकर खुलेआम गुंडागर्दी कर रहे हैं, इसका एक नमूना आरोग्यधाम में नदी किनारे ग्रीन ट्रिब्यूनल कोर्ट की धज्जियां उड़ाता हुआ एक रामसखा आश्रम को देखा जा सकता है।
क्या यही साधु संतों का असली चेहरा होना चाहिए ?
आपको बता दें कि इन दिनों चित्रकूट में संत मठाधीशों का एक तबका इस कदर हावी है कि पुलिस प्रशासन पूरी तरह से नतमस्तक है इसका ताजा उदाहरण कामदगिरि प्रमुख द्वार में बनी बाउंड्रीवॉल मामले का भी देखने को मिला जहां कुछ वर्षों पूर्व ही अवैध रूप से सरकारी पेयजल टंकी में कब्जा करने के बाद रोड पर ही बाउंड्री वाल बना दी गई थी जिसे पूर्व एसडीएम पी एस त्रिपाठी के द्वारा अतिक्रमण हटाया गया था, लेकिन बाबाओं ने इस कदर दबाव बनाया कि प्रशासन नतमस्तक हो गया और नवागत एसडीएम जितेंद्र वर्मा शरणागत हो गए और प्रशासन के इशारों पर फिर अवैध रूप से बाउंड्री वॉल बनाकर खड़ी करा दी गई। हालत ये हो गए हैं कि चित्रकूट में कुछ बाबाओं का ये तक कहना है कि बिना हमारी मर्जी के चित्रकूट का कोई विकास नहीं हो सकता, प्रशासन का यदि यही रवैया रहा आया तो संत भेष धारी बाबा यहां की जमीनों पर, यहां के भोले वाले साधु संतों पर आए दिनों दबंगई दिखाते रहेंगे लाठियां बरसाते रहेंगे।