ज्ञानवापी-मां श्रृंगार गौरी मामले में अब 14 जुलाई को सुनवाई होगी। बुधवार को वाराणसी जिला एवं सत्र न्यायालय में प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने सुनवाई के लिए समय मांगा। इस पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने 14 जुलाई की तिथि नियत की। अदालत ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव से भी उसी दिन पक्ष रखने के लिए कहा है।
मांं श्रृंगार गौरी की याचिका में वादिनी चारों महिलाओं लक्ष्मी देवी, रेखा पाठक, सीता साहू व मंजू व्यास ने अपने अधिवक्ताओं के जरिए 07 मामलों की सुनवाई एक साथ, एक ही कोर्ट में करने की मांग की थी। इसमें 06 सिविल जज सीनियर और किरन सिंह विसेन का एक केस भगवान आदि विश्वेश्वर केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा था। इस मामले में जिला जज की अदालत ने बीते 17 अप्रैल को आदेश पारित किया था कि उनकी कोर्ट में सभी 07 मामलों की फाइलों को रखा जाए। 17 अप्रैल को कोर्ट के आदेश के बाद पहली बार 06 सिविल कोर्ट और एक फास्ट ट्रैक कोर्ट से सभी 07 याचिकाओं को निकाल एक साथ जिला जज के सामने रखा गया। जिला जज ने 22 मई को सभी केस को साथ सुनने का आदेश दिया था। आदेश में कहा कि सभी वाद का शेड्यूल तय करते हुए सभी की सुनवाई एक साथ चलेगी। इसमें पहला केस अविमुक्तेश्वरानंद, दूसरा मां श्रृंगार गौरी व अन्य, तीसरा आदि विश्वेश्वर व अन्य, चौथा आदि विश्वेश्वर आदि, पांचवां मां गंगा व अन्य, छठा सत्यम त्रिपाठी व अन्य और सातवां नंदी जी महाराज की तरफ से दाखिल वाद हैं।
यह सभी वाद एक ही प्रकृति के बताए गए हैं। इनमें आराजी नंबर 9130 के स्वामित्व की मांग और ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी, आदि विश्वेश्वर व अन्य देवी देवताओं के राग भोग, दर्शन पूजन आदि की मांग नाबालिग देवता मानते हुए की गई है। मां शृंगार गौरी वाद में चारों महिलाओं की तरफ से पुरातत्विक व वैज्ञानिक सर्वेक्षण के आवेदन पर भी सुनवाई होनी है। जिला जज ज्ञानवापी से संबंधित सात मुकदमों की एक साथ सुनवाई का शेड्यूल भी तय करेंगे।