धनबाद जेल में बंद झरिया के पूर्व युवा भाजपा विधायक संजीव सिंह ने धनबाद न्यायालय में आवेदन देकर इच्छामृत्यु की मांग की है। नीरज सिंह हत्याकांड मामले में जेल में रहकर न्यायालय परिक्रिया का सामना कर रहे पूर्व विधायक ने मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश 16 की अदालत में इच्छामृत्यु का आवेदन दायर किया है। इसकी जानकारी उनके अधिवक्ता मो.जावेद ने मीडिया को दी। पूर्व विधायक संजीव सिंह फिलहाल धनबाद के स्वर्गीय निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसएनएमएमसीएच) में इलाजरत है।
पूर्व विधायक द्वारा कोर्ट में दायर किए गए अपने हलफनामे में इच्छामृत्यु के साथ मौत के बाद अपनी अंगों को भी जन सेवा में दान कर देने की इच्छा व्यक्त किया है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व विधायक संजीव सिंह 10 जुलाई को धनबाद जेल में कुर्सी से गिर पड़े थे। इसमें उन्हें गहरी चोट आई थी। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए 11 जुलाई को एसएनएमएमसीएच में भर्ती कराया गया था। लेकिन उनके स्वास्थ्य में सुधार न आता देख डॉक्टरों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए रांची रिम्स में भर्ती करने का सलाह दिया है। लेकिन पूर्व विधायक अपने इलाज के लिए रांची रिम्स नही जाना चाहते। दरअसल उन्हें और उनके परिजनों को यह अंदेशा है कि वहां पूर्व विधायक को जान का खतरा हो सकता है।
यही वजह है कि पूर्व विधायक अपने इलाज के लिए रांची रिम्स नही जाना चाहते। उनका और उनके परिजनों का कहना है कि या तो न्यायालय बाहर के किसी हायर सेंटर में उन्हें खुद के खर्चे पर इलाज कराने की अनुमति दे अथवा ऊनके द्वारा दायर इच्छामृत्यु का आवेदन स्वीकार कर ले।
संजीव सिंह की पत्नी सह भाजपा नेत्री रागिनी सिंह धनबाद स्थिति एसएनएमएमसीएच और रांची रिम्स में सुविधाओं की कमी का हवाला देते हुए सरकारी अस्पताल में पूर्व विधायक का इलाज कराने से साफ मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि संजीव सिंह के सिर में गहरी चोट आई है। उन्होंने मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि चोट की वजह से उनके सिर में खून जम गया है। इसके साथ ही उन्हें कई गंभीर बीमारियों ने भी जकड़ रखा है। यदि उन्हें बेहतर इलाज के लिए जल्द ही किसी बेहतर अत्याधुनिक अस्पताल में भर्ती नही कराया गया तो उनके साथ कुछ भी हो सकता है।
साल 2017 को धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह सहित तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। नीरज सिंह हत्या मामले में नीरज सिंह के चचेरे भाई और झरिया से भाजपा के पूर्व विधायक को मुख्य अभियुक्त बनाया गया था। नीरज सिंह के भाई के आवेदन पर संजीव सिंह के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज कराया गया था, जिसके बाद संजीव सिंह ने न्यायालय में आत्म समर्पण कर दिया था।