सचिव ने सिविल लाइंस थाने में दी तहरीर
पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से किया इन्कार
जालसाजों ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद् प्रयागराज (यूपी बोर्ड) के सचिव दिब्यकांत शुक्ल का फर्जी लेटर पैड बनाकर जौनपुर जिले के माध्यमिक विद्यालय में क्लर्क का नियुक्ति पत्र जारी कर दिया। शनिवार को नियुक्ति पत्र जारी होने के बाद सचिव ने सिविल लाइंस थाने में उप सचिव देवव्रत सिंह से जालसाज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए तहरीर भेजी। जिस पर सिविल लाइंस पुलिस ने मामला जौनपुर जिले का कहते हुए एफआईआर से इन्कार कर दिया।
सचिव दिब्यकांत शुक्ल का कहना है कि बोर्ड मुख्यालय प्रयागराज के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में स्थित है और मैं यही बैठता हूं तो एफआईआर यही दर्ज होगी। उन्होंने कहा कि मामले की एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस के उच्चाधिकारियों से वार्ता हो गयी है।
जालसाजों ने यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल का हस्ताक्षर स्कैन करके उस फर्जी नियुक्ति पत्र पर लगा दिया था। इस फर्जी नियुक्ति पत्र में राजीव रतन सिंह पुत्र संजय सिंह की नियुक्ति पब्लिक इंटर कॉलेज केराकत, जौनपुर में क्लर्क पद पर किए जाने की बात लिखी गई है। युवक जौनपुर जनपद के बीरमरपुर गांव का निवासी है। सचिव दिव्यकांत शुक्ल को जब इस फ्राड की जानकारी हुई तो उन्होंने उसके बारे में खोजबीन शुरू कराई। सचिव की ओर से सिविल लाइंस थाने में सम्बंधित आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का प्रयास किया गया लेकिन यहां पुलिस ने मुकदमा नहीं लिखा। सचिव ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस मामले की शिकायत वह शासन से भी करेंगे।
माध्यमिक शिक्षा परिषद के नाम से फर्जी लेटर पैड बनाया गया है। लेटर पैड पर परिषद का नाम ही गलत लिखा गया है। जानकारी न होने की वजह से फ्राड करने वाले युवक ने लेटर पैड पर “माध्यमिक शिक्षा परिषद बोर्ड” लिखा है। नियुक्ति पत्र में युवक की फोटो भी लगाई गई है। भवदीय में सचिव के नाम का मुहर और हस्ताक्षर भी है। इसमें लिखा गया है कि “प्रबंधक समिति द्वारा बैठक में लिए गए निर्णय के क्रम में विद्यालय इंटर कॉलेज अनुभाग-(ब) में होने के कारण तथा आप की योग्यता को देखते हुए निर्णय लिया गया है कि आप की नियुक्ति इंटर कॉलेज में कलर्क के पद पर शासन द्वारा वेतनमान में नियमावली के तहत की जाती है। आपकी नियुक्ति पूर्णतः स्थायी है। 23 सितम्बर से अपने मूल शैक्षिक व प्रशिक्षण प्रमाण पत्रों के साथ कार्यभार ग्रहण करने का कष्ट करें।
यह फर्जी नियुक्ति पत्र की प्रति किसी ने माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव को वाट्सएप किया तो वह अपना हस्ताक्षर देखकर चौंक गए। हस्ताक्षर तो सेम था। तत्काल उन्होंने इसकी छानबीन शुरू कराई तो पता चला कि उनके हस्ताक्षर को स्कैन करके फर्जी नियुक्ति पत्र पर लगा दिया गया है। सचिव ने कहा, हमारे यहां से इस तरह की कोई नियुक्ति पत्र दी ही नहीं जाती है। माध्यमिक शिक्षा परिषद का कोई लेटर पैड भी नहीं बनवाया गया है। यह पूरी तरह से फर्जी किया गया है। इसके लिए मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।