अमेठी के दो बंदियों की सुलतानपुर जेल में संदिग्ध परिस्थितयों में मौत के मामले में जेल अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई के लिए परिवार वाले लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार अंबेडकर उत्थान समाज के पदाधिकारी बंदियों के परिवार वालों को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और प्रदर्शन किया। सभी ने जेल अधीक्षक गिरफ्तार करो और जेल प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए।
कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करते हुए अंबेडकर उत्थान समाज के लोगों व मृतक बंदियों के परिजनों ने जेल अधीक्षक की गिरफ्तारी की मांग जिलाधिकारी जसजीत कौर से किया। जिस पर प्रतिनिधि मंडल से बात करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि पुलिस के लोग जांच नहीं कर रहे हैं। ज्यूडिशियरी के लोग जांच कर रहे हैं। दो से तीन दिन में वो जांच पूरी हो जाएगी। जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आया है और जो मौके पर मिला है सब चीज उसमें होंगी। जो दोषी पाया जाएगा बिल्कुल उस पर कार्रवाई होगी। आप लोग निश्चिंत रहिये।
अमेठी में हुआ था प्रदर्शन
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व 24 जून को अंबेडकर उत्थान समाज के पदाधिकारी पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे थे। इसके बाद सभी ने एसपी ऑफिस व प्रशासनिक ऑफिस में सुलतानपुर के जेल अधीक्षक के खिलाफ नारेबाजी की। अंबेडकर उत्थान समाज ने अमेठी एसपी से मिलकर सीबीआई जांच की मांग की है। साथ ही पचास लाख परिजनों को मुआवजा देने की भी मांग की है। घटना के बाद से ही पीड़ित परिवार हत्या का लगातार आरोप लगा रहे हैं।
बंदियों की 21 जून को हुई थी मौत
21 जून को सुलतानपुर जिला कारागार में अमेठी के जामो थानाक्षेत्र अंतर्गत लोरिकपुर गांव निवासी विजय पासी और मनोज रैदास की संदिग्ध परिस्थितयों में मौत हो गई थी। जेल प्रशासन ने फांसी लगाकर आत्महत्या की बात कही थी। 22 जून को शवों का तीन डॉक्टरों ने छह घंटे तक पोस्टमार्टम किया। जिसमें कई एक गंभीर चोटों व शव के पुराने होने की बात सामने आई। इसके बाद से जेल प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया। हालांकि सुलतानपुर डीएम जसजीत कौर ने पूरे मामले में मजिस्ट्रेटियल जांच के आदेश दिए हैं। जिसमें सीजेएम के साथ एसडीएम व सीओ पूरे मामले की जांच करेंगे।
हत्या के मामले में जेल गए थे दोनों बंदी
आपको बता दें कि जामो के लोरिकपुर गांव निवासी विजय पासी व मनोज रैदास ने क्षेत्र के चौधरी का पुरवा निवासी ओमप्रकाश यादव की 26 मई की रात धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। 30 मई को जामो पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया था। स्थानीय पुलिस के अनुसार इस घटना से करीब ढाई माह पूर्व ही मनोज चोरी के एक मामले में जमानत पर बाहर आया था।