। लोकसभा चुनाव की तैयारी के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी ने शिक्षकों के बीच में पैठ बनाने पर काम शुरू कर दिया है। रविवार को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय नेहरू भवन में हुई शिक्षक कांग्रेस की बैठक में शिक्षकों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई और शिक्षकों के बीच में कांग्रेस के संगठन विस्तार पर भी रणनीति बनी।
बैठक में शिक्षकों की सबसे बड़ी मांग पुरानी पेंशन बहाली को लेकर भी रखी गई। वित्तविहीन शिक्षकों के मानदेय के लिए आंदोलन की रणनीति बनी। बैठक का संचालन डाॅ. प्रमोद कुमार ने किया। आज की शिक्षक कांग्रेस की बैठक में प्रदेश पदाधिकारी, जिला-शहर अध्यक्ष, जिलों के अन्य पदाधिकारी शामिल हुए।
बैठक के मुख्य अतिथि दिनेश कुमार सिंह-प्रदेश महासचिव प्रभारी प्रशासन ने कहा कि उत्तर प्रदेश सेवा शिक्षा चयन आयोग का गठन कर भाजपा सरकार संविधान की अवहेलना कर रही है। चयन बोर्ड की धारा 18 व धारा 12 के द्वारा प्रदत्त मिली सेवा सुरक्षा को समाप्त कर शिक्षकों की नौकरी खत्म करना चाहती है।
शिक्षक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह ने शिक्षकों की बैठक में कहा कि भारतीय जनता पार्टी शिक्षकों के भविष्य को खतरे में डाल रही है। सरकार की नीतियां सिर्फ और सिर्फ निजीकरण की तरफ हैं। इससे शिक्षक जो समाज की नीव हैं और भारत के भविष्य के लिए दिन-रात काम करते हैं, उनके ही भविष्य को खतरे में डाला जा रहा है। अजय सिंह ने कहा की भाजपा द्वारा सभी आयोगों को समाप्त कर जो उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग बनाया जा रहा है, वह सीधे तौर पर संविधान प्रदत्त अधिकारों की अवहेलना है।
शिक्षक बैठक में रुहेलखंड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व शिक्षक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष यशपाल सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति भारत की शिक्षा की नींव को हिलाने की साजिश है। नई शिक्षा नीति के दुष्परिणाम देश के लिए, शिक्षकों के लिए, युवाओं के लिए एवं छात्रों के लिए खतरनाक है। नई शिक्षा नीति कभी भी देश के हित में नहीं हो सकती है। हम इसका विरोध करेंगे।
बैठक में मुख्य रूप से शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. मार्तंड सिंह, प्रोफेसर यशपाल सिंह, प्रोफेसर पी0के0 पचौरी, संजीव कुमार, प्रमोद कुमार सिंह, डॉ. एच0एन0 उपाध्याय, कमलेश सिंह यादव, महासचिव निधि तिवारी, डॉक्टर एस के दुबे, डॉक्टर लोकेश शुक्ला, डॉ. प्रवेश यादव, डॉ. अमित राय सहित सैकड़ों पदाधिकारी एवं शिक्षकगण मौजूद रहे।