वकील हत्याकांड का खुलासा, जीजा ने की थी हत्या

तहसील सदर गाजियाबाद परिसर में अधिवक्ता के दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या करने के मामले का गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में मरने वाले अधिवक्ता के जीजा उसके छोटे भाई एवं दोस्त को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने हत्या का कारण पूरी तरह से पारिवारिक रंजिश के कारण सुनियोजित ढंग से हत्या करना बताया है। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त तमंचा तथा जिस गाड़ी में यह लोग पुलिस से बचने के लिए घूम रहे थे उसको बरामद कर लिया है। वह गाड़ी भी बरामद कर ली गयी है जिसमे ये तहसील पहुंचे थे। आरोपित जीजा भी अधिवक्ता है जो गौतमबुद्धनगर में प्रैक्टिस करता है।

पुलिस संयुक्त आयुक्त दिनेश कुमार पी. ने गुरुवार को पुलिस लाइन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि गिरफ्तार तीनों आरोपितों को अदालत में पेश किया गया जहां से सभी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि बुधवार को अपराह्न करीब 1:45 बजे अधिवक्ता मोनू उर्फ मोनू चौधरी की उस समय गोली मार कर हत्या कर दी गई थी जब वह खाना खा रहे थे। पुलिस ने हत्याकांड के बाद और रिपोर्ट दर्ज होने के बाद मामले की जांच पड़ताल की और आज मोनू उर्फ मनोज चौधरी के जीजा अमित डागर उसके छोटे भाई नितिन डागर और दोस्त अनुज उर्फ पालू को गिरफ्तार कर लिया। नितिन और अमित चिरंजीव विहार में रहते हैं जबकि तीसरा अभियुक्त अनुज उर्फ पालू मधुबन बापूधाम में रहता है। बुधवार दोपहर अमित एवं नितिन और अनुज ब्रेजा गाड़ी से तहसील पहुंचे और दो लोग मोनू चौधरी के चेंबर के बाहर खड़े रहे जबकि तीसरी नितिन कुमार ने कनपटी से सटकर मोनू उसे मनोज की गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गए।

पुलिस संयुक्त आयुक्त ने बताया कि इस हत्याकांड का कारण पूरी तरह से पारिवारिक रंजिश रहा है। मोनू और मनोज चौधरी के पिता यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे और गाजियाबाद में भी तैनात रहे हैं। मनोज उनका इकलौता बेटा था। मोनू की बहन सरिता की शादी 2001 में चिरंजीव विहार निवासी अमित डागर के साथ हुई थी। सरिता को उसे एक बेटा और बेटी भी हुए। इस दौरान अमित ने दो संपत्ति भी सरिता डागर के नाम खरीदी थी। एक संपत्ति चिरंजीव विहार में जबकि दूसरी दुहाई में है, जिनकी कीमत लाखों में है। घरेलू विवाद के कारण सरिता चौधरी और अमित कुमार डागर के बीच अनबन चल रही थी जिसके चलते सरिता चौधरी अपने मायके में रह रही थी और बेटी उसके साथ थी जबकि बेटा अमित के साथ रह रहा था। इस मामले में कवि नगर थाने में घरेलू हिंसा का मामला दर्ज किया जा चुका था। इसके अलावा सरिता चौधरी व उसका भाई मोनू चौधरी दोनों प्रॉपर्टी को बेचने के प्रयास में कर रहे थे। इसके चलते विवाद और बढ़ गया। साथ ही अमित कुमार घटना से एक दिन पहले अपनी बेटी को सरिता के पास से ले जाकर अपने बेटे को राखी बनवाना चाहता था जिसके लेकिन सरिता नहीं मानी और विवाद काफी गहरा गया। इसी के चलते अमित और नितिन ने साजिश रच कर बुधवार को मोनू उर्फ मनोज चौधरी की गोली मारकर हत्या कर दी।