हिन्दुजा समूह ने ईवी मैन्युफैक्चरिंग प्लान्ट के लिए यूपी सरकार के साथ किया है एक हजार करोड़ का एमओयू
सब कुछ ठीक रहा तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एवं उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी की पहल पर संगमनगरी के नैनी इण्डस्ट्रियल एरिया में स्थित बंद पड़ी बीपीसीएल की जमीन पर उत्तर प्रदेश का पहला इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग प्लान्ट स्थापित होगा। जिसके लिए आज विश्व स्तर पर प्रसिद्ध इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माता हिन्दुजा समूह की कम्पनी अशोक लेलैण्ड के अधिकारियों ने प्रयागराज पहुंचकर बीपीसीएल की बंद पड़ी फैक्ट्री का निरीक्षण किया। वहां ईवी मैन्युफैक्चरिंग प्लान्ट स्थापित करने की सम्भावनाओं को तलाशा, जिसको लेकर अधिकारियों ने यूपीसीडा की टीम के साथ बैठक कर विस्तृत जानकारी हासिल की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उतर प्रदेश को इलेक्ट्रिक व्हीकल का हब बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिसके तहत अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक व्हीकल ईको सिस्टम सृजन को लेकर राउण्ड टेबल सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें विभिन्न कम्पनियों ने एमओयू साइन किया था। वहीं उत्तर प्रदेश में पहला ईवी मैन्युफैक्चरिंग प्लान्ट स्थापित करने के अभी कुछ दिनों पहले ही हिन्दुजा समूह की कम्पनी अशोक लेलैण्ड ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ 1000 करोड़ का एमओयू साइन किया है। हिन्दुजा समूह की कम्पनी अशोक लेलैण्ड करीब 100 एकड़ भूमि पर 1000 करोड़ के फर्स्ट फेज के साथ ईवी मैन्युफैक्चरिंग प्लान्ट स्थापित करना चाहती है। जिसके लिए समूह के अधिकारियों को प्रयागराज के नैनी इण्डस्ट्रियल एरिया में बंद पड़ी बीपीसीएल की ढाई सौ एकड़ भूमि और लखनऊ में स्कूटर इण्डिया की भूमि प्रस्तावित किया गया है। लखनऊ में स्कूटर इण्डिया की भूमि का निरीक्षण करने के बाद अशोक लेलैण्ड के अधिकारियों की टीम ईवी मैन्युफैक्चरिंग प्लान्ट स्थापित करने की सम्भावनाओं को तलाशने मंगलवार को प्रयागराज पहुंची।
हिन्दुजा समूह की कम्पनी अशोक लेलैण्ड के सीईओ और एमडी शीनू अग्रवाल, चीफ ऑपरेशनल ऑफिसर गणेश मनी व एबीएस हेड राजीव जादौन ने पहुंच कर नैनी इण्डस्ट्रियल एरिया में स्थित बीपीसीएल की बंद पड़ी फैक्ट्री का निरीक्षण किया। करीब ढाई सौ एकड़ एरिया में स्थापित बंदी पड़़ी फैक्ट्री को देखा। फैक्ट्री का भ्रमण व निरीक्षण करने के बाद टीम ने अधिकारियों के साथ बैठक की। नक्शा के अनुसार पूरी जानकारी ली। साथ ही यूपीसीडा की पॉलिसी, रेट के साथ ही कर्मचारियों की उपलब्धता को लेकर जानकारी हासिल की। टीम ने अधिकारियों से पूछा कि आस-पास कितने आईटीआई कॉलेज हैं, क्योंकि अगर यहां ईवी मैन्युफैक्चरिंग प्लान्ट स्थापित हुआ तो बड़ी संख्या में आईटीआई युवाओं की जरूरत पड़ेगी। निरीक्षण के बाद अधिकारी दिल्ली चले गए।