आपदा मित्रों को मूल प्रशिक्षण के साथ-साथ तैराकी का प्रशिक्षण भी अनिवार्य रूप से दिया जाएगा। राहत आयुक्त जी.एस. नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल-रणवीर कार्यक्रम का उद्देश्य क्षमता निर्माण एवं जन जागरूकता के माध्यम से प्रदेश में घटित होने वाली डूबने की घटनाओं में कमी लाना है।
इसके अंतर्गत राष्ट्रीय अन्तर्देशीय जल परिवहन संस्थान द्वारा एन. डी. आर. एफ. व एस. डी. आर. एफ., पी. ए. सी., शिक्षा विभाग के समनन्वय से 120 मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण देना है। आपदा मित्रों को मूल प्रशिक्षण के साथ-साथ तैराकी का प्रशिक्षण भी अनिवार्य रूप से प्रदान करना है।
उन्होंने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से स्कूल के पाठ्यक्रमों में डूबने से बचाव के नियमों को शामिल कर निर्धारित रूपरेखा के परिणामस्वरूप डूबने की घटनाओं मे 20 प्रतिशत तक कमी लाने का लक्ष्य है जिसका मूल्यांकन प्रत्येक चरण में किया जाएगा। मानचित्रों एवं जनजागरूकता के माध्यम से डूबने की घटनाओं में कमी लाया जाएगा। इसके साथ- साथ सर्पदंश वाले स्थानों को चिन्हित कर चेतावनी बोर्ड्स भी लगाए जा रहे हैं।
नवीन कुमार ने बताया कि प्रशिक्षित हुए आपदा मित्रों को सफलता पूर्वक प्रशिक्षण के बाद डूब क्षेत्रों, त्योहारों व चिन्हित स्थानों पर आवश्यकतानुसार तैनात किया जाएगा।