विचित्र पहल सेवा समिति के सदस्यों ने 157वें चरण के अंतर्गत रविवार को यमुना तट पहुंचकर अंत्येष्टि स्थलों की साफ-सफाई की। उसके उपरांत यमुना राम झरोखा में गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान विशाल परिसर में पानी, पान मसाला गुटखा की खाली पाउच, पॉलिथीन, पानी की खाली प्लास्टिक की बोतलों को एकत्रित करके नष्ट किया गया।
समिति के संस्थापक आनन्द नाथ गुप्ता एडवोकेट ने बताया कि पॉलिथीन व सिंगल यूज प्लास्टिक पर्यावरण, मानव जीवन व जलीय प्रजातियों के लिए विकराल समस्या बनती जा रही है।
योग प्रशिक्षक देवेंद्र आर्य ने कहा कि खाने पीने की सामग्री में पॉलिथीन का उपयोग करने से हानिकारक केमिकल की मात्रा शरीर में पहुंचने से लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।
बैंक से सेवानिवृत कर्मचारी तेज बहादुर वर्मा ने कहा कि प्लास्टिक के गिलास व पानी की बोतलों में पानी पीने से भी शरीर में तमाम तरह के विकार विकसित हो रहे हैं। इसलिए पॉलीथिन व प्लास्टिक का प्रयोग बहुत ही हानिकारक है।
समाजसेवी रानू पोरवाल व मनीष पुरवार हीरु ने कहा कि जनहित को दृष्टिगत रखते हुए सरकार को पॉलिथीन के उत्पादन पर तत्काल रोक लगानी चाहिए।
समिति के संस्थापक ने बताया कि संस्था द्वारा संचालित 157 सफाई अभियानों में लगभग 52 टन कचरा-अपशिष्ट यमुना नदी में जाने से रोका गया। प्लास्टिक से होने वाला प्रदूषण पर्यावरण को निरंतर गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है। नदियों में विचरण कर रहे जलीय प्रजातियों के साथ-साथ मानव जीवन में पॉलिथीन निरंतर मीठा जहर घोल रही है।
कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने उद्घोष करते हुए कहा कि ‘हम सबका एक ही नारा, पॉलीथिन प्लास्टिक मुक्त हो यमुना तट हमारा” समिति के सदस्यों ने आम जनमानस से कपड़े के थैले का उपयोग करते हुए जानलेवा पॉलिथीन का प्रयोग न करने की अपील की।