उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि पशुपालन विभाग के अधिकारी अपनी कार्यशैली में सुधार लाये और अपने दायित्वों को गंभीरता से लेते हुए कार्य करें अन्यथा उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी। मंत्री ने कहा कि कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण एवं महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। इसलिए ’’भारत पशुधन ऐप’’ के माध्यम से प्रदेश के सभी जनपदों के 10 हजार पैरावेट्स के लिए 21 अक्टूबर, 2023 को प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाए। ताकि कृत्रिम गर्भाधान की गुणवत्ता बढ़ सके और निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके।
उन्होंने कार्यक्रम में तेजी लाने, नियमित रिपोर्टिंग और पोर्टल पर अंकन करने के सख्त निर्देश के साथ ही निर्धारित लक्ष्य प्राप्त न करने वाले अधिकारियों का स्पष्टीकरण लिये जाने के निर्देश दिये हैं। पशुधन मंत्री ने बुधवार को विधानभवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में विभागीय समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
धर्मपाल सिंह ने कार्यों में शिथिलता एवं लापरवाही बरतने पर जनपद अम्बेडकरनगर और अमेठी के मुख्य पशुचिकित्साधिकारी का स्पष्टीकरण लिये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने योजनाओं में अपेक्षित प्रगति एवं संतोषजनक स्थिति न होने पर अप्रसन्नता व्यक्त की।
पशुधन मंत्री ने कहा कि निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु गोआश्रय स्थलों के विस्तारीकरण का कार्य तेजी से संचालित किया जाए और आवश्यक व्यवस्थायें पूर्ण की जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि लम्पी रोग के संबंध में टीकाकरण का कार्य तीव्र गति से किया जाए और पशुधन हानि न होने पाये। उन्होंने टीम-09 से अपेक्षा की कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी अतिशीघ्र लम्पी रोग पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया जाए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव डा0 रजनीश दुबे ने अधिकारियों से कहा कि संबंधित अधिकारी योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करें और निर्धारित लक्ष्यों की शीघ्र प्राप्ति करें। कार्यों में लापरवाही या उदासीनता किसी भी दशा में स्वीकार्य योग्य नहीं होगी।
बैठक में दुग्ध आयुक्त शशिभूषण लाल सुशील, विशेष सचिव पशुधन देवेन्द्र कुमार पाण्डेय, विशेष सचिव पशुधन अमरनाथ उपाध्याय, पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक आनन्द सिंह, विशेष सचिव राम सहाय, निदेशक ए0के0 यादव, अपर निदेशक डा. जयकेश पाण्डेय तथा यूपीएलडीपी के कार्यकारी अध्यक्ष डा. नीरज गुप्ता उपस्थित थे।