राज्यपाल को ज्ञापन देने जा रहे कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने रोका

महिला आरक्षण में ओबीसी कोटा तय करने के मुद्दे पर राज्यपाल को ज्ञापन देने जा रहे कांग्रेस पिछड़ा वर्ग नेताओं को पुलिस ने रास्ते में रोक कर ज्ञापन ले लिया। राजभवन से पहले ही पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखा था। इस दौरान कांग्रेसियों ने भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

सोमवार को लखनऊ स्थित प्रदेश कार्यालय से पिछड़ा वर्ग विभाग के प्रदेश अध्यक्ष मनोज यादव की अध्यक्षता में कांग्रेसी कार्यकर्ता राज्यपाल को ज्ञापन देने जा रहे थे। पुलिस पहले से ही बैरिकेडिंग कर रखी थी। पुलिस ने रोका तो कांग्रेस नेताओं से तू-तू, मैं-मैं भी हुआ। इसके बाद पुलिस अधिकारी को ही ज्ञापन देकर कांग्रेसी लौट गये। इस दौरान ‘‘2024 में महिला आरक्षण लागू करो’’ और ‘‘ओबीसी महिलाओं को आरक्षण दो’’ जैसे नारे गूँजे।

मनोज यादव ने महिला आरक्षण बिल को 2024 में होने वाले चुनाव में लागू करने और ओबीसी, एससी,एसटी, अल्पसंख्यक समाज की महिलाओं को भी इस आरक्षण में शामिल किए जाने की मांग किया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पिछड़ों के हर मुद्दे पर आज अपनी स्पष्ट विचार है। राहुल गाँधी के नेतृत्व में पूरे देश में ओबीसी आबादी एकजुटता दिखा रही है। हाल ही में स्वर्गीय राजीव गाँधी का सपना कहे जाने वाले महिला आरक्षण बिल को बीजेपी सरकार ने कानून बनाया, किन्तु बीजेपी ने इस कानून में जनगणना और परिसीमन, दो अनावश्यक किन्तु अनिवार्य शर्त जोड़कर देश की आधी आबादी महिलाओं को गुमराह करने का काम किया और पिछड़े दलित आदिवासी, अल्पसंख्यकों के साथ भी धोखा किया।

कांग्रेस पार्टी सहित सभी विपक्षी दलों ने भी ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग मज़बूती से सदन में रखा। महिला आरक्षण इस देश की आधी आबादी की राजनीतिक भागीदारी और उनके सशक्तीकरण का सबसे जरूरी माध्यम है। इससे देश की राजनीति, संसद और विधानसभाओं में ज्यादा से ज्यादा महिलाएं आएंगी तथा नीति निर्माण में निर्णायक भागीदारी निभाएंगी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इसका पूर्ण समर्थन करती है, लेकिन महिलाओं की ये लड़ाई अब भी अधूरी है।