। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव संजय सिंह प्रथम ने बताया कि 09 सितम्बर 2023 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रदेश के प्रत्येक जिले में सभी प्रकार के दीवानी वाद, आपराधिक वाद राष्ट्रीय लोक अदालत एवं राजस्व वादों का अधिकाधिक संख्या में सुलह समझौतों के आधार पर त्वरित निस्तारण किया जायेगा।
राष्ट्रीय लोक अदालत में दीवानी, फौजदारी एवं राजस्व न्यायालयों में लम्बित मुकदमों के साथ-साथ प्री-लिटिगेशन (मुकदमा दायर करने से पूर्व) वैवाहिक विवादों का समाधान भी सुलह-समझौते से कराया जायेगा। इसमें समस्त प्रकार के शमनीय आपराधिक मामले, बिजली एवं जल के बिल से सम्बन्धित शमनीय दण्ड वाद, चेक बाउंस से सम्बन्धित धारा-138 एन.आई. एक्ट एवं बैंक रिकवरी, राजस्व वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद तथा अन्य सिविल वाद के निस्तारण हेतु सम्बन्धित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में सम्पर्क कर सकते हैं।
लोक अदालत में मामलों के निस्तारण के अनेक लाभ होते हैं। जैसे लोक अदालत में निर्णीत मुकदमे की किसी अन्य न्यायालय में अपील नहीं की जा सकती है। लोक अदालत के निर्णय को अन्तिम माना जायेगा। लोक अदालत का निर्णय सिविल न्यायालय के निर्णय के समान बाध्यकारी होता है। पक्षों के बीच सौहार्द बना रहता है। सम्बन्धित पक्षकारों के समय व धन की बचत होती है। अदा की गयी कोर्ट फीस पक्षकारों को वापस हो जाती है। यातायात सम्बन्धी चालानों को वेबसाइट vcourts.gov.in के द्वारा ई-पेमेंट के माध्यम से भुगतान कर घर बैठे ही निस्तारण करा सकते हैं।
आलम्बित वाद को राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारित कराने हेतु सम्बन्धित न्यायालय के पीठासीन अधिकारी अथवा अपने जनपद के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय से सम्पर्क कर अपने वाद को राष्ट्रीय लोक अदालत में नियत करा सकते हैं।