पांच पुलिस वालों पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज

चार महीने पहले कैंट में एक 17 वर्षीय लड़के की पुलिस के पीछा करने के दौरान मौत हो गई थी, जिसको लेकर जब गांव वालों ने लड़के के शव को देखा तो पुलिस की पिटाई भी की थी। इस मामले में बिथरी चैनपुर थाना प्रभारी समेत पांच पुलिस कर्मियों व एक अज्ञात के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।

बता दें, मृतक 17 वर्षीय अरकाम के पिता पप्पू निवासी परसोना थाना बिथरी चैनपुर की तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई है। कहा गया है कि उनका बेटा अकराम 17 अप्रैल की शाम मारिया फिरोजन फैक्ट्री में बेची गई भैंस के रुपए लेने गया था। पप्पू ने करीब साढ़े ग्यारह बजे अपने बेटे अरकाम का इन्तेजार किया। न आने पर उसने उसे फोन मिलाया तो अकराम ने आने की बात कही। पन्द्रह मिनट बाद उसके मोबाइल पर फोन आया कि जल्दी आ जाओ हम पुलिस वाले बोल रहे हैं।
कॉल पर कहा कि पचास हजार रुपये लेकर आ जाओ नहीं तो तुम्हारे बेटे का गोकशी में चालान कर दिया जाएगा। फोन सुनकर उसके होश उड़ गये। पप्पू ने गांव वालों को इकट्ठा किया और भागकर बिलाल मस्जिद थाना कैण्ट पर पहुंचा तो देखा कि दरोगा व सिपाही और होमगार्ड उसके बेटे को मार रहे थे, वो जमीन पर खून से लथपथ पड़ा था।
गांव के प्रधान ने तुरंत ही इसकी सूचना एसओ बिथरी चैनपुर अश्वनी कुमार को दी। वह फोर्स सहित मौके पर आ गये, आते ही पुलिस वालों का पक्ष लेने लगे और कहा कि ज्यादा चूँ चपड़ की तो गोली मार दूंगा। वहीं गांव के कुछ लोगों ने वीडियो बना लिया।
मौके पर ही पिटाई के कारण उसके बेटे की मौत हो चुकी थी। प्रभारी निरीक्षक द्वारा एक साजिश के तहत पुलिस वालों को बचाने के लिए उसके पुत्र के शव को जिला अस्पताल भेजा और शव का पोस्टमार्टम 18 अप्रैल को कराया, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके शरीर पर 16 चोटों के निशान आए। आरोप है कि पुलिस द्वारा उसके बेटे के पास रखे 30,400 रुपए जो वह भैंस बेचकर लाया था, वह भी छीन लिए और उसका मुकदमा दर्ज नही किया गया।

साथ ही एक झूठा मुकदमा उसके व गांव वालों के खिलाफ अपनी काली करतूत छिपाने के लिए थाना कैंट पर गलत रूप से दर्ज करवा दिया। आज कोर्ट के आदेश के बाद एसआई धर्मेंद कुमार, सिपाही विनीत कण्डवाल, सिपाही राजेश, प्रभारी निरीक्षक बिथरी थाना अश्वनी कुमार चौबे, होमगार्ड वीरपाल समेत एक अज्ञात के खिलाफ मुकदजा दर्ज कराया गया है।