सोने चांदी को अब Goods and Services Tax (GST) के दायरे में शामिल किया गया है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था में वस्तुओं और सेवाओं पर लगाई जाने वाली कर है जो सोने चांदी के खरीदारी पर भी लागू होगी। GST का उद्देश्य अदिल और सरल टैक्स सिस्टम प्रदान करना है जो अलग-अलग करों की जगह एक समान मानक लाता है। इससे कर संरचना में सुधार होगा और व्यापार और वित्तीय प्रबंधन में सुविधा मिलेगी।
जीएसटी में नए प्रावधान के अंतर्गत अब सोने चांदी सहित कीमती रत्नों की खरीद बिक्री पर ई वे बिल जारी किए जाएंगे. यह सब अब जीएसटी के दायरे में लाए गए हैं. दो लाख रुपए या उससे ज्यादा की कीमत के सोने चांदी व अन्य क़ीमती रत्न आदि की खरीद फरोख्त पर ई वे बिल बनाना ही होगा. इसके लिए जीएसटी के दायरे में इन्हें लेते हुए ई इनवॉइस भी जारी करने की सुविधा दी गई है. जीएसटी में अब अब सभी राज्यों के टैक्स कमिश्नर को यह अधिकार दे दिए गए हैं कि उनके द्वारा आदेश जारी करते ही सोने चांदी व कीमती रत्नों की खरीद पर ई वे बिल जारी किया जाएगा.