हिमाचल के मुद्दों पर अलग से हो विधानसभा का विशेष सत्र: कुलदीप पठानिया

हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने प्रदेश से जुड़े मुद्दों पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की वकालत की है। इसके लिए उन्होंने सत्तापक्ष और विपक्ष को सुझाव दिया है। उनका कहना है कि विधानसभा के विशेष सत्र में हिमाचल के जरूरी विषयों पर बिना किसी सियासत के चर्चा होनी चाहिए। इस दौरान प्रदेश के आर्थिक स्थिति से निपटने व वित्तीय संसाधन बढ़ाने जैसे मुद्दों पर राजनीति से ऊपर उठकर दोनों पक्षों को विचार-विमर्श करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस सत्र का आयोजन कैमरा प्रोसिडिंग में हो सकता है। विधानसभा के नियमों में इसका प्रावधान है। यह सत्र विधानसभा के सामान्य सत्रों से अलग होगा। पठानिया ने कहा कि इस बारे में वे मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष से चर्चा करेंगे।

कुलदीप सिंह पठानिया गुरुवार को विधानसभा परिसर में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर अपने विदेश दौरे के अनुभव भी सांझा किए।

बजट सत्र के दौरान हिमाचल विधानसभा के अंदर हुए हंगामे को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नौ विधायकों को जारी अवमानना के नोटिस को लेकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि ये विधानसभा के अंदर का मामला है। इसको लेकर फैसला कभी भी दिया जा सकता है लेकिन ये जरूरी नहीं है कि इसी सत्र में फैसला देना है। विधानसभा का कार्यकाल पांच साल का होता है।

वहीं भाजपा के राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन के मामले में स्पीकर ने कहा कि उनका जवाब आया है जिसमें कहा गया है कि उनकी मंशा स्पीकर के पद की गरिमा को ठेस पहुंचाना नहीं था, लेकिन स्पीकर ने साथ में ये भी कहा कि उनके भाषण की वीडियो मौजूद है। आगे इस पर क्या करना है, विचार किया जा सकता है।

तीसरे मामले में सचिवालय के कर्मचारियों के खिलाफ मंत्री राजेश धर्मानी ने अवमानना का नोटिस जारी किया है। उस पर जवाब मांगा गया था जो नहीं आया है। उसके बाद इसे प्रिविलेज कमेटी को रेफर कर दिया गया है।

विदेश दौरे को लेकर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में देश भर के विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्षों का सम्मेलन हुआ, जिसके बाद विभिन्न विषयों पर विधानसभा अध्यक्षों और उपाध्यक्षों को विदेश में भारत का पक्ष रखने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि उनको बेंचमार्क इन द पार्लियामेंट्री सिस्टम पर बोलने का मौका मिला। इस दौरान वहां के लोकतंत्र और विधानसभा की प्रणाली को समझा है। वहां के पर्यटन और शिक्षा के बारे में जाना है, ताकि हिमाचल किस तरह से उसे अपना सके। उन्होंने बताया कि बाहरी देशों का पॉलिटिकल सिस्टम भारत से काफी मैच्योर है। न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया जैसे देशों ने पर्यटन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है और हिमाचल में भी पर्यटन को निखारने के लिए इस तरह के काम करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 18 से 21 दिसंबर तक धर्मशाला में होगा। शीतकालीन सत्र में चार बैठकें होगी इसी के साथ पूरे कैलेंडर वर्ष में विधानसभा कुल 27 बैठकें आयोजित करेगी।